Punjab Grenade Attacks Harwinder Singh Rinda Role & Arrest of Happy Pasia.

पंजाब में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिसने सबको परेशान कर दिया. यहां कई जगहों पर ग्रेनेड हमले किए गए थे. पुलिस इस मामले में काफी बारीकी से जांच कर रही थी. पंजाब में अलग-अलग जगहों पर 12 से ज्यादा हमले हुए थे. ये हमला अमेरिका में बैठा आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया करवा रहा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद कई खुलासे हुए हैं. पुलिस को पासिया ने बताया कि वो हरविंदर सिंह सिंधु उर्फ रिंदा के इशारों पर काम करता था. उसके कहने पर ही हमला किया जाता था.

कौन है हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा?

हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला था. बहुत छोटी उम्र में ही रिंदा ने जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया था. पहला मामला पर उस पर महज 18 साल की उम्र में दर्ज किया गया था. उस समय उसने अपने करीबी रिश्तेदार को मौत के घाट उतारा था. तभी से उसकी क्राइम में एंट्री हुई.

अपने पहले मर्डर के बाद से लोग इससे डरने लगे थे. यही कारण है कि इसका फायदा उठाते हुए उसने व्यापारियों को धमकाकर वसूली करनी शुरू कर दी. इस दौरान उसने 2 और मर्डर किए थे. पुलिस ने रिंदा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

रिंदा के जेल में रहने के दौरान उसके परिवार वालों ने उसे पंजाब ट्रांसफर करने की अपील की थी. इसके पीछे की वजह ये थी कि वो पंजाब में ज्यादा सुरक्षित था. 2016 में दो और मामले दर्ज किए गए. इसके बाद उसे हिट लिस्ट में शामिल किया गया.

छात्र राजनीति में जमाई अपनी धाक

रिंदा जेल से बाहर आने के बाद राजनीति में उतर गया और उसने पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) कैंपस को चुना. इस दौरान रिंदा ने अपनी धाक जमाने के लिए वहां छात्र नेताओं पर गोलियां बरसांई और एक इंस्पेक्टर के मर्डर की साजिश रची. इसके लिए उसने धमाके भी किए थे. 2017 में दोबारा उसने 2 लोगों का मर्डर किया. इसके अलावा भी उस पर कई अन्य मामले भी दर्ज हैं. यही कारण है कि उसने इन अपराधों की मदद से क्राइम की दुनिया में अपना नाम बना लिया.

इतने मामले दर्ज होने के बाद पुलिस उसे तलाश कर रही थी. इस दौरान वो नेपाल के रास्ते पाकिस्तान चला गया. जहां से अब वो अपने पूरे ऑपरेशन को अंजाम देता है. इसके साथ ही वो खालिस्तान संगठनों के साथ भी जुड़ा हुआ है. पंजाब में हाल ही में हुए ग्रेनेड हमलों के पीछे रिंदा ही था. जिसके इशारों पर पासिया और अन्य लोग मिलकर अंजाम दे रहे थे.

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